Gulzar...

प्रसिद्ध कवि, गीतकार और फिल्मनिर्माता, अपनी गहरी और प्रभावशाली शायरी के माध्यम से दर्शकों को आगे बढ़ाया है।

गुलज़ार साब अपनी नज़्मों में सीधे-सादे शब्दों से चौंका देेने वाली तस्वीरें गढ़ते हैं।

 भाषा, कल्पना और कहानी कहने की उनकी महारत ने उन्हें हमारे समय के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली कवियों में से एक बना दिया है।


(Sampooran Singh Kalra)

"तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम,माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी,तुझे ही जी नहीं पा रहे हम।"
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गुलज़ार

"मैंने दबी आवाज़ में पूछा...
मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली...बहुत।"
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गुलज़ार

"मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने 
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर।"
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गुलज़ार

"सोचता हूं दोस्तों पर मुकुदमा कर दूं,
इसी बहाने तारीखों पर 
मुलाकात तो होगी।"
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गुलज़ार

"सालों बाद मिले वो गले लगाकर रोने लगे, 
जाते वक्त जिसने कहा था 
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे। "
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गुलज़ार

"ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द 
समझौतों में बदल जाती हैं।"
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गुलज़ार

"किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं। "
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गुलज़ार

"ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है
पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते। "
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गुलज़ार

"तू समझता क्यूं नही है 
दिल बड़ा गहरा कुआँ है
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है। "
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गुलज़ार

"साथ साथ घूमते है, हम दोनों रात भर,
लोग मुझे आवारा उसको चांद कहते है।"
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गुलज़ार