भारत में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। सरकार ने सौर पावर उत्पादन को बढ़ावा देने और सौर प्लांट स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं और पहलें शुरू की हैं। यहां भारत में के विकास और सौर प्लांट स्थापना के लिए सरकारी योजनाओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा है:
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम):
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) एक सरकारी योजना है जो कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा स्थापना को प्रोत्साहित करने का मकसद रखती है। इस योजना के तहत, किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे सौर पंप स्थापित कर सकें, ग्रिड-कनेक्टेड कृषि पंप को सौरीकरण कर सकें और बंजर भूमि पर सौर पावर प्लांट स्थापित कर सकें।
पीएम-कुसुम की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- सौर पंप स्थापना: प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के अंतर्गत, किसानों को सौर पंपों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह पंप किसानों को जल सप्लाई के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।
- ग्रिड-कनेक्टेड कृषि पंप सौरीकरण: पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत, किसानों को ग्रिड-कनेक्टेड कृषि पंपों को सौरीकृत करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इससे किसान बिजली की खर्च पर बचत कर सकते हैं और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं।
- बंजर भूमि पर सौर पावर प्लांट स्थापित करना: पीएम-कुसुम योजना के तहत, किसानों को बंजर भूमि पर सौर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इससे खाली और अनुपयोगी भूमि का उपयोग किया जा सकता है और सौर ऊर्जा की उत्पादन की जा सकती है।
- वित्तीय सहायता: पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत, किसानों को सौर पंप स्थापना और सौरीकृत कृषि पंपों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता किसानों को ऊर्जा संबंधित खर्चों में आराम प्रदान करती है और सौर ऊर्जा के उपयोग को सुविधाजनक और सहज बनाती है
- उद्योग का प्रोत्साहन: पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत, सौर ऊर्जा से संबंधित उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाता है। इसमें सौर पंप, सौर सेंद्रीय कृषि उपकरणों और सौर पावर प्लांटों के निर्माण, विकास और विपणन को बढ़ावा दिया जाता है।
- राष्ट्रीय सौर मिशन: 2010 में शुरू किए गए राष्ट्रीय सौर मिशन का उद्देश्य 2022 तक 100 जीडबल्यू के सौर पावर क्षमता को प्राप्त करना है। यह मिशन भारत में सौर ऊर्जा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
योजना कैटेगरी | सौर पंप स्थापना | ग्रिड-कनेक्टेड कृषि पंप सौरीकरण | बंजर भूमि पर सौर पावर प्लांट स्थापना |
---|---|---|---|
वित्तीय सहायता | भूमि खरीद पर 30% तक की सहायता | उपकरण मूल्य का 30% तक का सहायता | 60% तक की सहायता प्रदान की जाती है |
यह सिर्फ एक उदाहरण है और आपको वास्तविक योजना विवरण के लिए संबंधित सरकारी वेबसाइट या संबंधित नीति पर जांच करना चाहिए। वित्तीय सहायता की जानकारी अपडेट हो सकती है और योजना की विशेषताओं पर आधारित होगी।
अन्य सौर प्लांट स्थापना के लिए सरकारी योजनाओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा है:
- सौर पार्क योजना: सौर पार्क योजना का शुभारंभ स्थानीय स्तर पर सौर पावर परियोजनाओं के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया है। इस योजना के तहत, सरकार परियोजना विकसित करने वाले को जमीन और बुनियादी ढांचे की सहायता प्रदान करती है, जिससे उन्हें सौर प्लांट स्थापित करने में आसानी होती है।
- ग्रिड-कनेक्टेड सौर छत योजनाएं: सरकार सौर छत योजनाओं के माध्यम से ग्रिड-कनेक्टेड सौर छत सिस्टम की स्थापना को प्रोत्साहित करती है। इन सिस्टमों के माध्यम से उपभोक्ता सौर ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में पुनः भर सकते हैं। नेट मीटरिंग नीतियां उपभोक्ताओं को उनके प्रबंध में बचत के लिए क्रेडिट प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती हैं।
- सौर ऊर्जा भारतीय निगम (एसईसीआई): एसईसीआई एक सरकारी एजेंसी है जो विभिन्न सौर ऊर्जा योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए जिम्मेदार है। यह उपयोगी श्रृंखला की नियुक्ति के माध्यम से सौर परियोजनाओं, सहित यूटिलिटी-स्केल और छत स्थापनाओं को आवंटित करता है|
- सरकारी इमारतों के लिए सौर ऊर्जा योजनाएं: सरकार ने विभिन्न सरकारी इमारतों, सहित स्कूल, अस्पताल और कार्यालयों में सौर पावर प्लांटों की स्थापना को अनिवार्य बनाया है। सौर छत फोटोवोल्टेक पावर प्लांट कार्यक्रम जैसी योजनाएं सरकारी संगठनों को सौर ऊर्जा के अपनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करती हैं।
- पूंजी अनुदान और कर सम्मोहन: सरकार सौर प्लांट स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए पूंजी अनुदान और कर सम्मोहन प्रदान करती है। ये प्रोत्साहन राज्य द्वारा अलग-अलग होते हैं और सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
- अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए): भारत आईएसए का संस्थापक सदस्य है, जो दुनिया भर में सौर पावर के विस्तार को बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। आईएसए सदस्य देशों के बीच प्रौद्योगिकी प्रबंधन, क्षमता निर्माण और वित्तीय सहायता जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देता है।
ये कुछ प्रमुख सरकारी योजनाएं और पहल हैं जिनका भारत में सौर ऊर्जा के विकास में योगदान हुआ है। देश ने सौर पावर क्षमता में महत्वपूर्ण प्रगति की है और नवीनीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने पर जुटा है।